
रंग गुलाल के इस त्यौहार को*
*दिलों के मिठास को*
*प्रेम, बंधुत्व और मानवता की भावना को*
*हार्दिक अभिनन्दन, स्वागत और शुभकामनायो के साथ*
*आपका मित्र*
*बिपुल कुमार*
*एक होली ठिठोरी मेरे तरफ से भी*
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*मित्रों आयो खेले होली*
*रंग, गुलाल, चन्दन से करे आयो लीपापोती*
*बरज के रज में सन जाएँ*
*बेसन हल्दी के उपटन लगाए*
*दही मखन से बदन को चाकलेटी बनाये*
*फिर पास के पोखर में नहलाये*
*फिर देखें होली की असली चमक*
*मित्रों बुरा न मानो होली है ___*
*थोड़ा करे हँसी ठिठोरी*
*फगुआहाट गायें*
*नाचे और नचायें*
*सतरंगी वेश बनाये*
*गांव की संस्कृति शहरो में*
*और शहरी दिलो में गांव बसाये।*
*नशा नहीं है भांग और जामो में*
*जो नशा है दोस्तों के हंसी ठिठोरियों में*
*मित्रों बुरा न मानो होली है* __
*मालपूये, गुजिया आयो खाये खिलाये*
*थोड़ा देसी जाम लसि, शिकंजी का पिलाये*
*पान का बीड़ा लॉन्ग इलायची से मुँह महकायें*
*मित्रों अच्छा लगे तो “बोलो होली है”।*
*यूँ पकड़ा यूँ लपका*
*जो बुरा माने वही है सबसे ज्यादा लटका*
*बैलून भर भर के मारे*
*जिसका निशाना चूका, वो है बच्चा।*
*होली की हार्दिक बधाईयां*